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शराबखाने का दर्शन

बिखरे मोती
बिखरे मोती
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“यार , जब हमारे तीनों के भगवान अलग –अलग है तो फिर चाँद और सूरज भी तीन –तीन क्यों नहीं , “ रामू ने दार्शनिक अंदाज में शराब चुस्की लेते हुए प्रश्न उठाया ?”

“ इन चाँद और सूरज को तो हमारे अल्लाह ने बनाया है लेकिन उसका दिल बहुत बड़ा है इसीलिए उसने तुम्हारे भगवान को और इसके गॉड को इन्हें इस्तेमाल करने की इज़ाज़त  दे दी है ,  रहमान ने चखना मुंह में डालते हुए कहा I”

जोसेफ़ ने एक घूँट अपने हलक के नीचे उतारी और फिर रहमान की बात को काटते हुए बोला , “नहीं, तुम गलत कह रहे हो; इन्हें तो हमारे गॉड ने बनाया है बस तुम्हारे अल्लाह और इसके भगवान को यूज़ करने की परमीशन दी है I”

“नहीं तुम दोनों को कुछ पता नहीं है यें दोनों तो हमारे भगवान की देन है बस तेरे गॉड और इसके अल्लाह को  इस्तेमाल करने के लिए कह रखा है , यह कह कर रामू ने भी चाँद और सूरज पर अपना दावा ठोक दिया I”

कुछ देर के लिए तीनों के बीच ख़ामोशी छा गयी I

रामू ने अपने गिलास को उठाकर दारु का एक लंबा घूँट भरा और फिर कुछ सोचते हुए बोला, “जब मेरा भगवान , तेरा अल्लाह और इसका गॉड  एक चाँद और एक सूरज को आपस में एक दूसरे के साथ बाँट कर बिना किसी झगड़े के साथ –साथ रह सकते हैं तो हम इंसान भी इस दुनिया में बिना आपस में झगड़े क्यों नहीं रह सकते ?”

“ बात तो तेरी एकदम सच्ची है , रहमान और जोसेफ़ ने यह कहकर रामू से सहमति दर्शाई और रामू भी उन दोनों की सहमति को पूरा सम्मान देने के लिए तीनों गिलासों में फिर दारू उड़ेलने लगा I

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